हिन्दू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को युद्ध एवं विजय के देवता माना गया है। दक्षिण भारत में इन्हें मुरुगन, स्कंद, सुब्रमण्य या षण्मुख नामों से भी पूजा जाता है। भगवान कार्तिकेय शक्ति, साहस और बुद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि कोर्ट-कचहरी, भूमि विवाद या किसी भी प्रकार के संघर्ष में सफलता के लिए भगवान कार्तिकेय की आराधना अत्यंत फलदायी होती है। आइए, उनके प्रभावशाली मंत्रों द्वारा करें विजय की प्रार्थना:
भगवान कार्तिकेय के बीज मंत्र
ॐ श्री स्कन्दाय नमः
ॐ शरवण भावाय नमः
ॐ श्री सुब्रमण्यम स्वामीने नमः
ॐ श्री षष्ठी वल्ली युक्त कार्तिकेय स्वामीने नमः
ॐ सुब्रह्मण्याय नमः
भगवान श्री कार्तिकेय की पूजा का मंत्र
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते
श्री कार्तिकेय गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विधमहे:
महा सैन्याय धीमहि
तन्नो स्कन्दः प्रचोदयात्
शत्रु पराजय हेतु श्री कार्तिकेय मंत्र
ॐ शारवण-भावाय नमः
ज्ञानशक्तिधर स्कंद: वल्लीकल्याणसुंदर
देवसेना मन:कांता कार्तिकेय नमोस्तुते
ॐ सुब्रह्मण्याय नमः
सफलता प्राप्ति हेतु मंत्र
आरमुखा ॐ मुरूगा
वेल वेल मुरूगा मुरूगा
वा वा मुरूगा मुरूगा
वादी वेल अज़्गा मुरूगा
अदियार एलाया मुरूगा
अज़्गा मुरूगा वरूवाई
वादी वेलुधने वरूवाई
दक्षिण भारतीय पारंपरिक मंत्र
हरे मुरूगा हरे मुरूगा शिवा कुमारा हरो हरा
हरे कंधा हारे कंधा हारे कंधा हरो हरा
हरे षण्मुखा हारे षण्मुखा हारे षण्मुखा हरो हरा
हरे वेला हरे वेला हारे वेला हरो हरा
हरे मुरूगा हरे मुरूगा ॐ मुरूगा हरो हरा