शीतला माता व्रत की विधि

शीतला माता व्रत की विधि

कथा में माता शीतला के व्रत की विधि का जैसा उल्लेख आया है उसके अनुसार अनुसार शीतला षष्ठी के दिन स्नान ध्यान करके शीतला माता की पूजा करनी चाहिए (Sheetla Shasti)। इस दिन कोई भी गरम चीज़ सेवन नहीं करना चाहिए । शीतला माता के व्रत के दिन ठंढ़े पानी से स्नान करना चाहिए । ठंढ़ा ठंढ़ा भोजन करना चाहिए । उत्तर भारत के कई हिस्सों में इसे बसयरा (Basyorra) भी कहते हैं । इसे बसयरा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग रात में बना बासी खाना पूरे दिन खाते हैं । शीतला षष्ठी के दिन लोग चुल्हा नहीं जलाते हैं बल्कि चुल्हे की पूजा करते हैं । इस दिन भगवान को भी रात में बना बासी खाना प्रसाद रूप में अर्पण किया जाता है । इस तिथि को घर के दरबाजे, खिड़कियों एवं चुल्हे को दही, चावल और बेसन से बनी हुई बड़ी मिलाकर भेंट किया जाता है ।

इस तिथि को व्रत करने से जहां तन मन शीतल रहता है वहीं चेचक से आप मुक्त रहते हैं । शीतला षष्ठी (Sheetla Sasti) के दिन देश के कई भागो में मिट्टी पानी का खेल उसी प्रकार खेला जाता है जैसे होली में रंगों से ।

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